मुहब्बत शायरी – काश तुझे सर्दी के मौसम

काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड,
और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह..

तूफां शायरी – साहिल के सुकूँ से किसे

साहिल के सुकूँ से किसे इंकार है
लेकिन तूफां से लड़ने का मजा और ही कुछ है

मुफ़्लिस शायरी – सब खामोश हैं यहाँ कोई

सब खामोश हैं यहाँ कोई आवाज नहीं करता
सच कहकर किसीको कोई नाराज नहीं करता

इस कदर बिका है इंसान दौलत के हाथों कि
किसी मुफ़्लिस का चारागर इलाज नहीं करता

दरमियाँ शायरी – दरमियाँ फासलों की उठती दीवार

दरमियाँ फासलों की उठती दीवार थी
और मेरे दिल की बनती मज़ार थी

फ़क्त मैं ही नहीं था कल बेचैन बहुत
कल तो शब भी बहुत बेक़रार थी

ख़्वाब शायरी – ख्वाबों में बना ली, आँखो

ख्वाबों में बना ली, आँखो में सज़ा ली,
तस्वीर तेरी हमने, इस दिल में बसा ली

बेदर्द शायरी – इतना दर्द न दे मुझे,

इतना दर्द न दे मुझे, बेदर्द न हो जाऊ
तेरी हर खबर,फिर बेखबर न हो जाऊ
उम्र ही गुज़र जाती है एतबार करने मे
फिर कैसे टूट के अब मै बेफिक्र हो जाऊ