मुंतज़िर शायरी – हर सीना आह है तिरे April 27, 2017 Raj 2 Lines Shayari, Sad Shayari, मुंतज़िर शायरी हर सीना आह है तिरे पैकाँ का मुंतज़िर हो इंतिख़ाब ऐ निगह-ए-यार देख कर