
Mohabbat Shayari In Hindi – Josh-E-Ulfat Shayari
उन्हें भी जोश-ए-उल्फ़त हो तो लुत्फ़ उट्ठे मोहब्बत का
हमीं दिन-रात अगर तड़पे तो फिर इस में मज़ा क्या है
अकबर इलाहाबादी
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हमीं दिन-रात अगर तड़पे तो फिर इस में मज़ा क्या है
अकबर इलाहाबादी
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मुझे क्या खबर थी वो भुला देगा मुझको,
उसने तो जाते हुए कहा था 2-4 दिन व्यस्त हूँ..
ये बात ये तबस्सुम ये नाज़ ये निगाहें
आख़िर तुम्हीं बताओ क्यूँकर न तुम को चाहें