ए हुस्न ज़रा सुन, तू यूँ ना इतरा के चल..
मेरे महबूब की गली में, सर झुका के चल..
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नाज़ शायरी – वो और होंगे किनारे से
वो और होंगे किनारे से देखने वाले
मेरी न पूछ कि तूफां नाज़ उठाए हैं
फ़ुर्क़त शायरी – तुझ से क्या सुब्ह तलक
तुझ से क्या सुब्ह तलक साथ निभेगा ऐ उम्र
शब-ए-फ़ुर्क़त की जो घड़ियों का गुज़रना है यही
तक़दीर शायरी – मुसाफ़िर हूँ दोस्तों मलाल तो
मुसाफ़िर हूँ दोस्तों
मलाल तो होगा
आज रुठी है तक़दीर तो क्या
कल तक़दीर को हम पे भी नाज होगा
जुदाई शायरी – ना शौक दीदार का, ना
ना शौक दीदार का,
ना फिक्र जुदाई की,
बड़े खुश नसीब हैं वो लोग …
जो मोहब्बत नहीँ करते…
मुहब्बत शायरी – फिर कभी नहीं हो सकती
फिर कभी नहीं हो सकती मुहब्बत …
वो शक्स भी एक था और मेरा दिल भी एक…
दरमियाँ शायरी – दरमियाँ फासलों की उठती दीवार
दरमियाँ फासलों की उठती दीवार थी
और मेरे दिल की बनती मज़ार थी
फ़क्त मैं ही नहीं था कल बेचैन बहुत
कल तो शब भी बहुत बेक़रार थी
ख़्वाब शायरी – ख्वाबों में बना ली, आँखो
ख्वाबों में बना ली, आँखो में सज़ा ली,
तस्वीर तेरी हमने, इस दिल में बसा ली
शरारत शायरी – जिसने मेरी आँखों की शरारत
जिसने मेरी आँखों की शरारत नहीं देखी,
वो लाख कहें पर…
उन्होंने मेरी मोहब्बत नहीं देखी..
दास्ताँ शायरी – थे वो भी दिन कि
थे वो भी दिन कि मुझे चाहता था दिल से वह
मगर यह बात हुई अब दास्ताँ की तरह