हुस्न शायरी – ए हुस्न ज़रा सुन, तू

ए हुस्न ज़रा सुन, तू यूँ ना इतरा के चल..
मेरे महबूब की गली में, सर झुका के चल..

तक़दीर शायरी – मुसाफ़िर हूँ दोस्तों मलाल तो

मुसाफ़िर हूँ दोस्तों
मलाल तो होगा
आज रुठी है तक़दीर तो क्या
कल तक़दीर को हम पे भी नाज होगा

दरमियाँ शायरी – दरमियाँ फासलों की उठती दीवार

दरमियाँ फासलों की उठती दीवार थी
और मेरे दिल की बनती मज़ार थी

फ़क्त मैं ही नहीं था कल बेचैन बहुत
कल तो शब भी बहुत बेक़रार थी

ख़्वाब शायरी – ख्वाबों में बना ली, आँखो

ख्वाबों में बना ली, आँखो में सज़ा ली,
तस्वीर तेरी हमने, इस दिल में बसा ली