मनाने आ ही जायेगा,मेरा नाराज लहज़ा वो
इसी उम्मीद पर बेवज़ह, रूठा भी करते हैं
Shayari Collection In Hindi
मनाने आ ही जायेगा,मेरा नाराज लहज़ा वो
इसी उम्मीद पर बेवज़ह, रूठा भी करते हैं
मुझको तुम खुद में छुपाओ तो छुपाना ऐसे…
किसी सागर में हों लहरों की पनाहें जैसे
दिल मे ना जाने कैसे तेरे लिए इतनी जगह बन गई
तेरे मन की हर छोटी सी चाह मेरे जीने की वजह बन गई
हम आईना हैं, आईना ही रहेंगे फ़िक्र वो करें,
जिनकी शक्ल में कुछ और दिल में कुछ और है
ये सोचना ग़लत है की तुम पर नज़र नहीं
मसरूफ़ हम बहुत है मगर बे-ख़बर नहीं
यही इश्क है शायद…
नज़दीक नहीं तुम मेरे….
पर मैं तुमसे… दूर नहीं
ये आप हम तो बोझ हैं ज़मीन का
ज़मीं का बोझ उठाने वाले क्या हुए
है उनके होंट किताबों में लिखी तहरीरों जैसे,
उंगली रखो तो आगे पढ़ने का ज़ी करता है
मेरे ऐबों को तलाशना बंद कर दिया है लोगों ने,
मैंने तोहफ़े में उन्हें जब से आईना दे दिया है
ये समंदर भी तेरी तरह खुदगर्ज़ निकला
ज़िंदा थे तो तैरने न दिया और मर गए तो डूबने न दिया