आरज़ू मेरी, चाहत तेरी,
तमन्ना मेरी, उल्फत तेरी,
इबादत मेरी, मोहब्बत तेरी,
बस तुझ से तुझ तक है दुनिया मेरी.
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आरज़ू शायरी – तुम्हारी आरज़ू मे मैने अपनी
तुम्हारी आरज़ू मे मैने अपनी आरज़ू की थी
ख़ुद अपनी जुस्तुजू का आप हासिल हो गया हूँ मै
आरज़ू शायरी – आरज़ू थी कि एक लम्हा
आरज़ू थी कि एक लम्हा जी लूँ तेरे कन्धे पे सर रख के…
मग़र ख्वाब तो ख्वाब हैं, पूरे कब होते हैं.
आरज़ू शायरी – कटती है आरज़ू के सहारे
कटती है आरज़ू के सहारे ज़िन्दगी
कैसे कहूँ किसी की तमन्ना नहीं
आरज़ू शायरी – वो हादसे भी दहर में
वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए
जीने की आरज़ू में कई बार मर गए
आरज़ू शायरी – कैसी ख़्वाहिश, कौन-सी आरज़ू… वक़्त ने
कैसी ख़्वाहिश, कौन-सी आरज़ू…
वक़्त ने जो थमा दिया, वही लेकर चल दिए…
आरज़ू शायरी – आरज़ू हसरत और उम्मीद शिकायत
आरज़ू हसरत और उम्मीद शिकायत आँसू
इक तिरा ज़िक्र था और बीच में क्या क्या निकला
आरज़ू शायरी – ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू
ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू..
हम किससे करें बात, कोई बोलता ही नही…
आरज़ू शायरी – ये आरज़ू थी तुझे गुल
ये आरज़ू थी तुझे गुल के रू-ब-रू करते
हम और बुलबुल-ए-बेताब गुफ़्तुगू करते
आरज़ू शायरी – इक वक़्त था कि दिल
इक वक़्त था कि दिल को सुकूँ की तलाश थी
और अब ये आरज़ू है कि दर्द-ए-निहाँ रहे