Aitbaar Shayari By Bekhud Dehlvi – Jadu Hai Ya Tilism Tumhari Jaban Mein

जादू है या तिलिस्म तुम्हारी ज़बान में
तुम झूट कह रहे थे मुझे ए’तिबार था – बेख़ुद देहलवी

हिंदी पोएट्री २ लाइन में – मुझको तुम खुद में

मुझको तुम खुद में छुपाओ तो छुपाना ऐसे…

किसी सागर में हों लहरों की पनाहें जैसे

हिंदी पोएट्री २ लाइन में – यही इश्क है शायद

यही इश्क है शायद…
नज़दीक नहीं तुम मेरे….
पर मैं तुमसे… दूर नहीं