तुम इसे शिकवा समझ कर किस लिए शरमा गए
मुद्दतों के बा’द देखा था तो आँसू आ गए
– फ़िराक़ गोरखपुरी
Shayari Collection In Hindi
तुम इसे शिकवा समझ कर किस लिए शरमा गए
मुद्दतों के बा’द देखा था तो आँसू आ गए
– फ़िराक़ गोरखपुरी
फिर वही दिल की गुज़ारिश, फिर वही उनका ग़ुरूर,
फिर वही उनकी शरारत, फिर वही मेरा कुसूर..
तुम्हारी मोहब्बत की बाजी को यार मान गए….
खुद तो वादो से बँधे नही,,हमे यादो से बाँध गए..!
सारी दुनिया के हैं वो मेरे सिवा
मैं ने दुनिया छोड़ दी जिन के लिए
बात इतनी है के तुम बहुत दूर होते जा रहे हो …..💞
और हद ये है कि तुम ये मानते भी नही…..!!”
इक उम्र तक में उस की ज़रूरत बना रहा
फिर यूँ हुआ कि उस की ज़रूरत बदल गई