हसरत शायरी – हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने

हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,
और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवानी की
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है
क्या ज़रूरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की