मुहब्बत शायरी – काश तुझे सर्दी के मौसम

काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड,
और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह..

राहगुज़र शायरी – सोचा था तुझसे दुर निकल

सोचा था तुझसे दुर निकल जाएंगे कही…
देखा तो हर मुकाम तेरी राहगुज़र मे है…

हिना शायरी – मैं भी पलकों पे सजा

मैं भी पलकों पे सजा लूँगा लहू की बूँदें
तुम भी पा-बस्ता-ए-ज़ंजीर-ए-हिना हो जाना