सहर शायरी – आज भी मैं तेरा इंतजार

आज भी मैं तेरा इंतजार करता हूँ
शामों-सहर खुद को बेकरार करता हूँ
जी रहा हूँ तन्हा ख्यालों में तेरे
शायद मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूँ