ठहर जाऊँ तेरे जेहन में एक आवाज बनकर मैं,कि…,
जब भी कोई पुकारे… मेरी ही सदा सुनाई दे तुम्हें
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सदा शायरी – दूर कहीं से सदा आती
दूर कहीं से सदा आती होगी…
उस तक मेरी आवाज़ जाती होगी…
सदा शायरी – दिल ही तो है सियासत-ए-दरबाँ
दिल ही तो है सियासत-ए-दरबाँ से डर गया
मैं और जाऊँ दर से तिरे बिन सदा किए
सदा शायरी – काश तू भी मेरी आवाज़
काश तू भी मेरी आवाज़ कहीं सुनता हो,
फिर पुकारा है तुझे दिल की सदा ने मेरे
सदा शायरी – कुछ अजीब शोर मचाने लगे
कुछ अजीब शोर मचाने लगे हैं सन्नाटे
ये किस तरह की ख़ामोशी हर एक सदा मेरी है
सदा शायरी – मेरा दर्द नग़मा-ए-बे-सदा मेरी ज़ात
मेरा दर्द नग़मा-ए-बे-सदा
मेरी ज़ात जर्रा-ए-बे-निशाँ
मेरे दर्द को जो ज़बां मिले
मुझे अपना नाम-ओ-निशाँ मिले