ना देखो चलते-चलते यूँ कदम-कदम शोखी…
कोई कत्ल हो रहा है सरे आम चुपके-चपके…
Tag: शोखी hindi shayari
शोखी शायरी – नफ़ासत है नजाक़त है,शरारत और
नफ़ासत है नजाक़त है,शरारत और है शोखी.
नज़र भी कातिलाना है,अदा मासूम है उनकी.
शोखी शायरी – ज़रा उनकी शोखी तो देखिये
ज़रा उनकी शोखी तो देखिये लिए ज़ुल्फ़-ऐ-ख़मशुदा हाथ में
मेरे पीछे आये दबे दबे, मुझे सांप कह के डरा दिया
शोखी शायरी – वो शोखी जो तेरे लबोँ
वो शोखी जो तेरे लबोँ में है,
शायद गुलों में नहीं…
शोखी शायरी – हाथ क्यूं बांधे मेरे छल्ला
हाथ क्यूं बांधे मेरे छल्ला अगर चोरी हुआ
ये सरापा शोखी ए रंग ए हिना थी मैं ना था
शोखी शायरी – शातिर की शोखी तो देखिए
शातिर की शोखी तो देखिए –
क़यामत के एक रोज पहले किया उसने
वादा परसों मिलने का…