आँखों से तुझ को याद मैं करता हूँ रोज़-ओ-शब
बेदीद मुझ से किस लिए बेगाना हो गया
Tag: शब sher o shayari
शब शायरी – शब-ए-इंतजार आख़िर कभी होगी मुख़्तसर
शब-ए-इंतजार आख़िर कभी होगी मुख़्तसर भी
ये चिराग़ बुझ रहे हैं मेरे साथ चलते-चलते…
शब शायरी – मैं तमाम दिन का थका
मैं तमाम दिन का थका हुआ, तू तमाम शब का जगा हुआ..
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर, तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ
शब शायरी – इसी उम्मीद पे काटा है
इसी उम्मीद पे काटा है ये पहाड़ सा दिन
कि शब को ख़्वाब में तू मुझपे मेहरबाँ होगा
शब शायरी – कहूं किससे मैं कि क्या
कहूं किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है
मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता
शब शायरी – पूरा दुख और आधा चांद हिज्र
पूरा दुख और आधा चांद
हिज्र की शब और ऐसा चांद
शब शायरी – नहीं बचता नहीं बचता नहीं
नहीं बचता नहीं बचता नहीं बचता आशिक़
पूछते क्या हो शब-ए-हिज्र में क्या होता है
शब शायरी – दोनों जहान तेरी मोहब्बत में
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
शब शायरी – सितारों से उलझता जा रहा
सितारों से उलझता जा रहा हूँ
शब-ए-फ़ुर्क़त बहुत घबरा रहा हूँ
शब शायरी – कभी कभी तो ये वहशत
कभी कभी तो ये वहशत भी हम पे गुज़री है
कि दिल के साथ ही देखा है डूबना शब का