शब शायरी – आँखों से तुझ को याद

आँखों से तुझ को याद मैं करता हूँ रोज़-ओ-शब
बेदीद मुझ से किस लिए बेगाना हो गया

शब शायरी – इसी उम्मीद पे काटा है

इसी उम्मीद पे काटा है ये पहाड़ सा दिन
कि शब को ख़्वाब में तू मुझपे मेहरबाँ होगा

शब शायरी – दोनों जहान तेरी मोहब्बत में

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के