सोचा था तुझसे दुर निकल जाएंगे कही…
देखा तो हर मुकाम तेरी राहगुज़र मे है…
Tag: राहगुज़र sher o shayari
राहगुज़र शायरी – इतने सादा भी नहीं हम
इतने सादा भी नहीं हम कि भटक कर रह जायें,
कोई मंजिल न सही, पर राहगुज़र रखते हैं..
राहगुज़र शायरी – कठिन है राहगुज़र थोड़ी दूर
कठिन है राहगुज़र थोड़ी दूर साथ चलो
बहुत बड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो
तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है
मैं जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो
राहगुज़र शायरी – न मंज़िल का पता है
न मंज़िल का पता है न किसी राहगुज़र का
बस एक थकन है कि जो हासिल है सफ़र का