मुद्दत शायरी – न छेड़ो मेरी नींदों को,

न छेड़ो मेरी नींदों को, मैं ख़्वाब में हूं,
बाद मुद्दत के, मैं मुलाकात में हूं

मुद्दत शायरी – बड़ी मुद्दत से चाहा है

बड़ी मुद्दत से चाहा है तुझे
बड़ी दुआओं से पाया है तुझे
तुझे भुलाने की सोचूं भी तो कैसे
किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे