न छेड़ो मेरी नींदों को, मैं ख़्वाब में हूं,
बाद मुद्दत के, मैं मुलाकात में हूं
Tag: मुद्दत hindi poetry
मुद्दत शायरी – जुदा होकर भी जी रहे
जुदा होकर भी जी रहे हैं एक मुद्दत से,
कभी दोनों ही कहते थे जुदाई मार डालेगी
मुद्दत शायरी – वो मुझे भूल ही गयी
वो मुझे भूल ही गयी होगी…
इतनी मुद्दत कोई खफा नहीं रहता…
मुद्दत शायरी – बड़ी मुद्दत से चाहा है
बड़ी मुद्दत से चाहा है तुझे
बड़ी दुआओं से पाया है तुझे
तुझे भुलाने की सोचूं भी तो कैसे
किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे
मुद्दत शायरी – जल जाते हैं मेरे अंदाज़
जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन,
क्यूंकी एक मुद्दत से मैने ना मोहब्बत
बदली और ना दोस्त बदले..
मुद्दत शायरी – कभी आना तुम मेरी गली
कभी आना तुम मेरी गली से होकर गुज़ारना
एक मुद्दत हो गयी मुझे ज़िन्दगी देखे हुए