मुंतज़िर शायरी – मुंतज़िर जिनके हम रहे उनको, मिल

मुंतज़िर जिनके हम रहे उनको,
मिल गए और हमसफ़र शायद

मुंतज़िर शायरी – तमाम उम्र रहे मेरा मुंतज़िर

तमाम उम्र रहे मेरा मुंतज़िर तू भी
तमाम उम्र मिरे इंतिज़ार को तरसे

मुंतज़िर शायरी – सब अपने अपने क़रीने से

सब अपने अपने क़रीने से मुंतज़िर उस के
किसी को शुक्र किसी को शिकायतें करनी