महक शायरी – महक रही है ज़मीं चांदनी

महक रही है ज़मीं चांदनी के फूलों से
ख़ुदा किसी की मुहब्बत पे मुस्कुराया है

महक शायरी – कुछ खूबसूरत पलों की महक

कुछ खूबसूरत पलों की महक सी हैं तेरी यादें…
सुकून ये भी है कि…ये कभी मुरझाती नहीं

महक शायरी – कुछ सितारों की चमक नहीं

कुछ सितारों की चमक नहीं जाती,
कुछ यादों की खनक नहीं जाती,
कुछ लोगों से होता है ऐसा रिश्ता,
कि दूर रहके भी उनकी महक नहीं जाती