ख़ाकसार शायरी – जूनून-ए-तूफाँ जो आते हैं तो

जूनून-ए-तूफाँ जो आते हैं तो ऐसे ही नहीं
कोई दीवाना ‘जाँ-गुलिस’ से ख़ाकसार होगा

ख़ाकसार शायरी – अब ज़िन्दगी तेरा भी एहसान

अब ज़िन्दगी तेरा भी एहसान क्यों रह जाये
तू भी ले जा इस ख़ाकसार से हिस्सा अपना ||

ख़ाकसार शायरी – हर उलझन ख़ाकसार हो गयी… प्यार

हर उलझन ख़ाकसार हो गयी…
प्यार की इक बूँद से बहार हो गयी…