क़ातिल शायरी – क़ातिल मसीहा बन कर आया

क़ातिल मसीहा बन कर आया है
ज़िंदगी ने ये दिन भी अब दिखाया है

क़ातिल शायरी – कितनी क़ातिल है ये आरज़ू

कितनी क़ातिल है ये आरज़ू ज़िंदगी की
मर जाते है किसी पर लोग जीने के लिए..