भीड़ से कट के न बैठा करो तन्हाई में
बेख्याली में कई शहर उजड़ जाते हैं
Tag: बेख्याली पर शायरी
बेख्याली शायरी – बागों में न जाओ तुम
बागों में न जाओ तुम भरी जवानी में.
फूलों में माली गिन लेगा बेख्याली में..
बेख्याली शायरी – जिस बेख्याली से तुम मेरा
जिस बेख्याली से तुम मेरा दिल तोड़ देते हो
खुदा न करें इस कैफियत से कोई कांटा तुमे चुभे
बेख्याली शायरी – अजीब सी अफरा तफ़री है
अजीब सी अफरा तफ़री है मेरे दिल में,
लेकिन…
बेख्याली में भी तुम्हारा ही ख़याल रहता है
बेख्याली शायरी – तू ही आ जाऐ मिलने
तू ही आ जाऐ मिलने कभी बेख्याली में…
बस दिल पे इतनी सी कयामत ही बहुत है