बाग़बाँ शायरी – बाग़बाँ तू ही बता, किसने

बाग़बाँ तू ही बता, किसने इसे फूँक दिया
आशियाँ मैंने बनाया था, बड़ी मेहनत से I

बाग़बाँ शायरी – न ग़ुल अपना, न खार

न ग़ुल अपना, न खार अपना
न ज़ालिम बाग़बाँ अपना
बनाया, आह…
किस गुलशन में आशियाँ अपना