तुझ से क्या सुब्ह तलक साथ निभेगा ऐ उम्र
शब-ए-फ़ुर्क़त की जो घड़ियों का गुज़रना है यही
Tag: फ़ुर्क़त hindi poetry
फ़ुर्क़त शायरी – तेरी फ़ुर्क़त में हुआ यूँ
तेरी फ़ुर्क़त में हुआ यूँ महसूस,
ज़िन्दगी एक सज़ा हो जैसे
फ़ुर्क़त शायरी – तिरी फ़ुर्क़त में क्या-क्या गुल
तिरी फ़ुर्क़त में क्या-क्या गुल खिले हैं
बदन जलने लगा है चाँदनी से