फ़क़त शायरी – वह मिले भी

वह मिले भी तोह फ़क़त खुदा के दरबार में,
अब तुम ही बताओ इबादत करते या मोहब्बत

फ़क़त शायरी – ये महल ये माल ओ

ये महल ये माल ओ दौलत सब यहीं रह जाएँगे
हाथ आएगी फ़क़त दो गज़ ज़मीं मरने के बाद