दुआएं इकट्ठी करने मे लगा हूं,
सुना है दौलत शौहरत साथ नही जाती….
Tag: दौलत hindi poetry
दौलत शायरी – ना जाने कौन सी दौलत
ना जाने कौन सी दौलत है तेरे लफ़्जों में.
बात करते हो तो दिल खरीद लेते हो…
दौलत शायरी – दौलत नहीं, शोहरत नहीं, न
दौलत नहीं, शोहरत नहीं, न वाह चाहिए
कैसे हो..? “बस दो लफ्ज़ों की परवाह चाहिए.
दौलत शायरी – बिखरने दो होंठों पे हँसी
बिखरने दो होंठों पे हँसी की फुहारों को…
प्यार से बात कर लेने से दौलत कम नहीं होती…
दौलत शायरी – जब भी देखता हूँ किसी
जब भी देखता हूँ किसी गरीब को हँसते हुए तो
यकिन आ जाता है कि खुशियाँ का ताल्लुक दौलत से नही होता