दास्ताँ शायरी – हाए कैसी वो शाम होती

हाए कैसी वो शाम होती है
दास्ताँ जब तमाम होती है…

दास्ताँ शायरी – तेरी मुहब्बत में ज़िन्दगी खूबसूरत

तेरी मुहब्बत में ज़िन्दगी खूबसूरत ग़ज़ल बन गयी…
मेरे इश्क़ की दास्ताँ जैसे ताजमहल बन गयी…

दास्ताँ शायरी – वो नहीं आते पर निशानी

वो नहीं आते पर निशानी भेज देते है
ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देते है
कितने मीठे है उनकी यादो के मंज़र
कभी कभी आँखों में पानी भेज देते है