सवाल ऐ वस्ल है तू दिल के दरीचे खोल दे
शब ऐ इंतजार है मेरा इश्क मुकम्मल करदे
Tag: दरीचे हिंदी शायरी
दरीचे शायरी – निकले अगर तो चाँद दरीचे
निकले अगर तो चाँद दरीचे में रुक भी जाए
इस शहरे-बे-चराग़ में किसका नसीब था
दरीचे शायरी – बंद रक्खोगे दरीचे दिल के
बंद रक्खोगे दरीचे दिल के यारो कब तलक?
कोई दस्तक दे रहा है उठ के देखो तो सही.
दरीचे शायरी – न जाने कितने ज़ख़्मों के
न जाने कितने ज़ख़्मों के दरीचे खोल देता हैं…
टपकता हैं जो आँखों से लहू सब बोल देता हैं…
दरीचे शायरी – उस दरीचे से कभी चिट्ठी
उस दरीचे से कभी चिट्ठी गिरी थी धूप की,
उस दरीचे की तरफ़ आँखें उठेंगी आदतन
दरीचे शायरी – अपने घर के दरीचे से
अपने घर के दरीचे से मैं आसमान को देखूँगा,
जिस पर तेरा नाम लिखा है उस तारे को ढूँढूँगा