बे-सलीक़ा ही होती हैं… नज़दीकियाँ सदा…
तहज़ीब जो गर…होगी, तो…दरमियाँ फ़ासलें भी होंगें…
Tag: तहज़ीब शायरी in hindi
तहज़ीब शायरी – बुझ गए तहज़ीब-ए-नौ
बुझ गए तहज़ीब-ए-नौ के सब चराग़,
एक मिट्टी का दिया जलता रहा
तहज़ीब शायरी – उसे भी पर्दा-ए-तहज़ीब को गिराना
उसे भी पर्दा-ए-तहज़ीब को गिराना है
मुझे भी पैकर-ए-नायाब से निकलना है
तहज़ीब शायरी – तहज़ीब की ज़ंजीर में उलझा
तहज़ीब की ज़ंजीर में उलझा रहा मैं भी
तू भी न बढ़ा जिस्म के आदाब से आगे..
तहज़ीब शायरी – हम बेलिबास हो गए तहज़ीब
हम बेलिबास हो गए तहज़ीब के बग़ैर
पहचान वो हमारी तलाशो किधर गई
तहज़ीब शायरी – ज़ब्त तहज़ीब है मुहब्बत की…
ज़ब्त तहज़ीब है मुहब्बत की…
वो समझते हैं… बे-ज़ुबां हूँ मैं…
तहज़ीब शायरी – हुस्न शाइस्ता-ए-तहज़ीब-ए-अलम है शायद ग़मज़दा लगती
हुस्न शाइस्ता-ए-तहज़ीब-ए-अलम है शायद
ग़मज़दा लगती है क्यों चाँदनी राते अक्सर