तमाशा शायरी – जिस्म क्या है रूह तक

जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ खुलासा देखिये
आप भी इस भीङ मे घुस कर तमाशा देखिये

तमाशा शायरी – पहले भी रहा,और ये कुछ

पहले भी रहा,और ये कुछ तुझ्से मिला है
सरमाया-ए-ग़म तेरी मुहब्बत का सिला है
हो दिल जो परेशाँ, यहाँ होता है तमाशा
मिल जाए अगर चैन तो काहे का गिला है

तमाशा शायरी – बनाकर फ़क़ीरों का हम भेस

बनाकर फ़क़ीरों का हम भेस ग़ालिब
तमाशा-ए-अहल-ए करम देखते हैं