सौ बार चमन महका, सौ बार बहार आई,
दुनिया की वही रौनक, दिल की वही तन्हाई.
Tag: तन्हाई poetry in hindi
तन्हाई शायरी – इस आलम-ए-वीराँ में क्या अंजुमन-आराई दो
इस आलम-ए-वीराँ में क्या अंजुमन-आराई
दो रोज़ की महफ़िल है इक उम्र की तन्हाई
तन्हाई शायरी – तन्हाई के लम्हें बेज़ुबान सा
तन्हाई के लम्हें बेज़ुबान सा अहसास देते है
लफ्ज़ सूने और जुबां को खामोश कर देते है…
तन्हाई शायरी – खुद अपने से मिलने का
खुद अपने से मिलने का तो याराना न था मुझमे
में भीड़ में गुम हो गई तन्हाई के डर से
तन्हाई शायरी – हम तन्हाई में भी तुझसे
हम तन्हाई में भी तुझसे बिछड़ जाने से डरते है,
तुझे पाना अभी बाकी है और खोने से डरते है
तन्हाई शायरी – तन्हाई का आलम ये कि
तन्हाई का आलम ये कि खुद की आवाज भी सुनाई न दे,
मिलते है सभी राह में मगर इक वो ही दिखाई न दे