तन्हाई शायरी – सौ बार चमन महका, सौ

सौ बार चमन महका, सौ बार बहार आई,
दुनिया की वही रौनक, दिल की वही तन्हाई.

तन्हाई शायरी – खुद अपने से मिलने का

खुद अपने से मिलने का तो याराना न था मुझमे
में भीड़ में गुम हो गई तन्हाई के डर से