तग़ाफ़ुल शायरी – हम ने माना कि तग़ाफ़ुल

हम ने माना कि तग़ाफ़ुल न करोगे लेकिन
ख़ाक हो जाएँगे हम तुम को ख़बर होते तक

तग़ाफ़ुल शायरी – वो सादगी से तग़ाफ़ुल को

वो सादगी से तग़ाफ़ुल को नाज़ कहते हैं
मगर सिखाती है शोख़ी कि इम्तिहाँ कहिए