सब कुछ बदल गया है मगर लोग हैं ब-ज़िद,
महताब ही में सूरते-जानाँ दिखाई जाए
Tag: जानाँ हिंदी शेर ओ शायरी
जानाँ शायरी – दिल ढूँढता है फिर वही
दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन
बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए
जानाँ शायरी – यही नहीं कोई तूफ़ाँ मिरी
यही नहीं कोई तूफ़ाँ मिरी तलाश में है
कि मौसम-ए-ग़म-ए-जानाँ मिरी तलाश में है
जानाँ शायरी – पैहम तवाफ़-ए-कूचा-ए-जानाँ के दिन गए पैरों
पैहम तवाफ़-ए-कूचा-ए-जानाँ के दिन गए
पैरों में चलने फिरने की ताक़त नहीं रही
जानाँ शायरी – ज़ुदाई इस क़दर गहरा गई
ज़ुदाई इस क़दर गहरा गई है मुझमें जानाँ
मैं अब तो ख़्वाब तक में खुद को तन्हा देखता हूँ.
जानाँ शायरी – जब तुझे मेरी चाह थी
जब तुझे मेरी चाह थी जानाँ
बस वही वक़्त था कड़ा मेरा
जानाँ शायरी – मुद्दतों से यही आलम न
मुद्दतों से यही आलम न तवक़्क़ो न उम्मीद
दिल पुकारे ही चला जाता है जानाँ जानाँ…
जानाँ शायरी – कुछ और भी हैं काम
कुछ और भी हैं काम हमें ऐ ग़म-ए-जानाँ
कब तक कोई उलझी हुई ज़ुल्फ़ों को सँवारे..