बेमुरव्वत शायरी – बेमुरव्वत, बेवफ़ा, बेगाना ए दिल

बेमुरव्वत, बेवफ़ा, बेगाना ए दिल आप हैं
आप मानें या न मानें मेरे कातिल आप हैं

बेमुरव्वत शायरी – ज़रुरत क्या बहाने की,किसी को

ज़रुरत क्या बहाने की,किसी को याद करने की ख़ातिर
यादें तो चली आतीं हैं,बिन बुलाए बेमुरव्वत