दर्द लाख सही बेदर्द ज़माने में
मगर जाता भी क्या है मुस्कुराने में…
Tag: चुनिंदा बेदर्द शायरी इन हिंदी
बेदर्द शायरी – इतना दर्द न दे मुझे,
इतना दर्द न दे मुझे, बेदर्द न हो जाऊ
तेरी हर खबर,फिर बेखबर न हो जाऊ
उम्र ही गुज़र जाती है एतबार करने मे
फिर कैसे टूट के अब मै बेफिक्र हो जाऊ
बेदर्द शायरी – हर शख्स परिन्दोँ का हमदर्द
हर शख्स परिन्दोँ का हमदर्द नही होता दोस्तोँ..
बहुत बेदर्द बैठे हैँ दुनिया मे जाल बिछाने वाले…
बेदर्द शायरी – ऐ बेदर्द… सब आ जातें
ऐ बेदर्द… सब आ जातें हैं यूँ ही मेरी ‘ख़ैरियत’ पूछने…
अगर तुम भी पूछ लो तो यह ‘नौबत’ ही न आए.
बेदर्द शायरी – रहा न दिल में वो
रहा न दिल में वो बेदर्द और दर्द रहा
मुक़ीम कौन हुआ है मक़ाम किस का था
बेदर्द शायरी – उफ्फ ये बेदर्द सियाही ये
उफ्फ ये बेदर्द सियाही ये हवा के झोंके
किसको मालुम है इस शब की सहर हो की ना हो
बेदर्द शायरी – जो चले गए हमें छोड़
जो चले गए हमें छोड़ कर उन्हें याद क्या करना
जहाँ हो बेदर्द हाकिम वहां फरियाद क्या करना
बेदर्द शायरी – अब कोई दर्द…दर्द नहीं लगता, एक
अब कोई दर्द…दर्द नहीं लगता,
एक बेदर्द…ने कमाल कर दिया
बेदर्द शायरी – बडे बेदर्द हो यार तुम
बडे बेदर्द हो यार तुम भी,
खामोश रहकर भी कितना दर्द देते हो
बेदर्द शायरी – बहोत बेदर्द था जो महफि़ल
बहोत बेदर्द था जो महफि़ल को कर गया वीराॅ
न पूछो हाल यारा शाम को जब साये ढलते हैं