ज़मीं पे लाओ ख़ुदा को गवाही के लिये,
मेरे नसीब में तू नहीं ये मानता नहीं मैं
Tag: चुनिंदा ज़मीं शायरी इन हिंदी
ज़मीं शायरी – दो गज़ ज़मीं की आस
दो गज़ ज़मीं की आस में
ताउम्र ज़मीं नाप दी हमने
ज़मीं शायरी – ज़मीं पर रह कर आसमां
ज़मीं पर रह कर आसमां को छूने की फितरत है मेरी
पर गिरा कर किसी को ऊपर उठने का शौक़ नहीं मुझे
ज़मीं शायरी – तेरी याद की शिद्दत में
तेरी याद की शिद्दत में बहने वाला अश्क…
ज़मीं में बो दिया जाए तो आँख उग आए…
ज़मीं शायरी – तू परिंदों की तरह उड़ने
तू परिंदों की तरह उड़ने की ख़्वाहिश छोड़ दे
बे-ज़मीं लोगों के सर पर आसमाँ रहता नहीं
ज़मीं शायरी – वो हवा थी बहती गई, मैं
वो हवा थी बहती गई,
मैं बारिश था, ज़मीं में समा गया
ज़मीं शायरी – आसमां पे ठिकाने, किसी के
आसमां पे ठिकाने, किसी के नहीं होते,
जो ज़मीं के नहीं होते, वो कहीं के नहीं होते…