ज़मीं शायरी – ज़मीं पे लाओ ख़ुदा को

ज़मीं पे लाओ ख़ुदा को गवाही के लिये,
मेरे नसीब में तू नहीं ये मानता नहीं मैं

ज़मीं शायरी – तेरी याद की शिद्दत में

तेरी याद की शिद्दत में बहने वाला अश्क…
ज़मीं में बो दिया जाए तो आँख उग आए…