जल्वा-गर बज़्म-ए-हसीनाँ में हैं वो इस शान से
चाँद जैसे ऐ ‘क़मर’ तारों भरी महफ़िल में है
Tag: चुनिंदा जल्वागरी शायरी इन हिंदी
जल्वागरी शायरी – कह सके कौन कि ये
कह सके कौन कि ये जल्वागरी किस की है
पर्दा छोड़ा है वो उस ने कि उठाए न बने
जल्वागरी शायरी – करती है मिरे दिल में
करती है मिरे दिल में तिरी जल्वागरी रंग
इस शीशे में हर आन दिखाती है परी रंग
जल्वागरी शायरी – तू जल्वागर है मगर ये
तू जल्वागर है मगर ये सुन ले कि आँख ओझल पहाड़ ओझल
अगर यही शोख़ियाँ है तेरी तो फिर किसे एतबार होगा
जल्वागरी शायरी – ख़ैर से उन का तसव्वुर
ख़ैर से उन का तसव्वुर हम-सफर होने तो दो
ये चराग-ए-राह-ए-मंजिल जल्वा-गर होने तो दो
तू हुआ जल्वागर मुबारक हो
रेज़िश-ए-सज्दा-ए-जबीन-ए-नियाज़
जल्वागरी शायरी – यूँ अर्क जल्वागर है उस
यूँ अर्क जल्वागर है उस मुँह पर
जिस तरह ओस फूल पर देखो
जल्वागरी शायरी – अपने इस जल्वा-गर तसव्वुर की जाँ-फ़ज़ा
अपने इस जल्वा-गर तसव्वुर की
जाँ-फ़ज़ा दिलकशी से ज़िंदा हूँ