किनारा शायरी – तुम बेसहारा हो तो किसी

तुम बेसहारा हो तो किसी का सहारा बनो
तुम को अपने आप ही सहारा मिल जाएगा
कश्ती कोई डूबती पहुँचा दो किनारे पे
तुम को अपने आप ही किनारा मिल जाएगा