चराग़ शायरी – रिश्तों का ए’तिबार वफ़ाओं का

रिश्तों का ए’तिबार वफ़ाओं का इंतिज़ार
हम भी चराग़ ले के हवाओं में आए हैं

चराग़ शायरी – मेरे दिल की राख़ क़ुरेद

मेरे दिल की राख़ क़ुरेद मत,
इसे मुस्कुरा के हवा न दे,
ये चराग़ फिर भी चराग़ है,
कहीं तेरा हाथ जला न दे

चराग़ शायरी – हमारे बाद अंधेरा रहेगा महफ़िल

हमारे बाद अंधेरा रहेगा महफ़िल में
बहुत चराग़ जलाओगे रौशनी के लिए