कभी तिनके, कभी पत्ते, कभी ख़ुश्बू उड़ा लाई,
हमारे घर तो आँधी भी, कभी तनहा नहीं आई..
Tag: ख़ुश्बू शायरी कलेक्शन
ख़ुश्बू शायरी – इत्र से कपड़ो को महकाना
इत्र से कपड़ो को महकाना कोई बड़ी बात नहीं
मजा तो तब है जब ख़ुश्बू आपके किरदार से आये
ख़ुश्बू शायरी – जब तसव्वुर मेरा चुपके से
जब तसव्वुर मेरा चुपके से तुझे छू आए
देर तक अपने बदन से तेरी ख़ुश्बू आए
ख़ुश्बू शायरी – अब तो इन गुलाबों ने
अब तो इन गुलाबों ने भी हार मान ली है,
इस क़दर फ़ज़ाओं में तेरी ख़ुश्बू के चर्चे हुए,
ख़ुश्बू शायरी – रात भर सोचता रहा तुझको… ज़हन-ओ-दिल
रात भर सोचता रहा तुझको…
ज़हन-ओ-दिल मेरे रात भर महके…
तेरी ख़ुश्बू से सारा घर महके