कफ़न शायरी – दुनिया बहुत मतलबी है साथ कोई

दुनिया बहुत मतलबी है
साथ कोई क्यों देगा

मुफ्त का यहाँ कफ़न नहीं मिलता
तो बिना गम के प्यार कौन देगा

कफ़न शायरी – हुआ जब इश्क़ का एहसास

हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें
आकर वो पास हमारे सारा दिन रोते रहे
हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो कि
ओढ़ कर कफ़न, आँखें बंद करके सोते रहे

कफ़न शायरी – मेरे दिल से कफ़न में

मेरे दिल से कफ़न में लिपटी तेरी यादें है
ये आख़िरत की निशानी है इसकी कब्र यही है…

कफ़न शायरी – जब से पता चला है, की

जब से पता चला है,
की मरने का नाम है ‘ज़िंदगी’
तब से, कफ़न बांधे क़ातिल को ढूढ़ते हैं