कफ़न शायरी – हुआ जब इश्क़ का एहसास

हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें
आकर वो पास हमारे सारा दिन रोते रहे
हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो कि
ओढ़ कर कफ़न, आँखें बंद करके सोते रहे