दुनिया बहुत मतलबी है
साथ कोई क्यों देगा
मुफ्त का यहाँ कफ़न नहीं मिलता
तो बिना गम के प्यार कौन देगा
Shayari Collection In Hindi
दुनिया बहुत मतलबी है
साथ कोई क्यों देगा
मुफ्त का यहाँ कफ़न नहीं मिलता
तो बिना गम के प्यार कौन देगा
आज जिस्म में जान है तो देखते भी नहीं लोग,
जब रुह निकल जायेगी तो कफ़न हटा हटा कर देखेंगे…
हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें
आकर वो पास हमारे सारा दिन रोते रहे
हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो कि
ओढ़ कर कफ़न, आँखें बंद करके सोते रहे
मेरे दिल से कफ़न में लिपटी तेरी यादें है
ये आख़िरत की निशानी है इसकी कब्र यही है…
कूचे में तेरे कौन था लेता भला ख़बर
शब चाँदनी ने आ के पहनाया कफ़न मुझे
कफ़न में दफन हैं… लेकिन फिर भी…
कुछ तुच्छ ख्वाहिशें दम भर रही हैं…
दिल रोज़ मुझसे कहता है की सो जा किसी क़ब्र में कफ़न ओढ़ के
और मैं कहता हूँ की ज़िंदा लाश को कोई कब्रिस्तान में नहीं रखता.
जब से पता चला है,
की मरने का नाम है ‘ज़िंदगी’
तब से, कफ़न बांधे क़ातिल को ढूढ़ते हैं