आशिकी शायरी – आदत है या तलब इश्क है

आदत है या तलब
इश्क है या चाहत
तू दिल मे है या साँसों मे
तू दीवानगी है या मेरी आशिकी
तू ज़िन्दगी है या फिर एक किस्सा
पर जो भी है सिर्फ तू है

आशिकी शायरी – झुकाया तुने झुके हम बराबरी

झुकाया तुने झुके हम बराबरी ना रही,
ये बन्दगी हुई ऐ दोस्त आशिकी ना हुई

आशिकी शायरी – न खबर होगी तुम्हे मेरी

न खबर होगी तुम्हे मेरी आशिकी की,
सुना है सांसो की हद सिर्फ मौत होती है