आँगन शायरी – साँसें में बस जाती है

साँसें में बस जाती है यूँ मीठी-मीठी ख़ुशबू सी
जैसे कोई रात की रानी मेरे आँगन रहती है

आँगन शायरी – महक उठा है आँगन इस

महक उठा है आँगन इस खबर से
वो ख़ुश्बू लौट आयी है सफर से

आँगन शायरी – लाख गुलाब लगा लो तुम

लाख गुलाब लगा लो तुम अपने आँगन में,
जीवन में खुश्बू बेटी के आने से ही होगी..