अंजुमन शायरी – यूँ ही गुजर जाती है

यूँ ही गुजर जाती है शाम अंजुमन में
कुछ तेरी आँखों के बहाने कुछ तेरी बातो के बहाने

अंजुमन शायरी – दुनिया की महफ़िलों से उकता

दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो

अंजुमन शायरी – जो सुनाई अंजुमन में शबे

जो सुनाई अंजुमन में शबे ग़म की आप बीती
कई रो के मुस्कुराये,कई मुस्कुरा के रोये