
Mohabbat Shayari In Hindi – Josh-E-Ulfat Shayari
उन्हें भी जोश-ए-उल्फ़त हो तो लुत्फ़ उट्ठे मोहब्बत का
हमीं दिन-रात अगर तड़पे तो फिर इस में मज़ा क्या है
अकबर इलाहाबादी
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उन्हें भी जोश-ए-उल्फ़त हो तो लुत्फ़ उट्ठे मोहब्बत का
हमीं दिन-रात अगर तड़पे तो फिर इस में मज़ा क्या है
अकबर इलाहाबादी
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काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड,
और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह..
फिर कभी नहीं हो सकती मुहब्बत …
वो शक्स भी एक था और मेरा दिल भी एक…
फासले हो दरमियाँ
तो फैसले नही बदलते…
भले ही मुशिकलें लाख हों इश्क की राह में
मुहब्बत करने वालों के हौसले नही बदलते…
मेरे दिल मे तस्वीर है तेरी, निगाहों मे तेरा ही चेहरा है
नशा आँखों मे मुहब्बत का, वफ़ा का रंग कितना सुनहरा है
हम वो हैं जो आँखों में आँखें डाल के सच जान लेते हैं
तुझसे मुहब्बत है बस इसलिये तेरे झूठ भी सच मान लेते हैं..
जो मुहब्बत में दर्द पाते हैं
उनके दिल में खुदा आते हैं
सोचकर हम कुछ नहीं कहते
जो दिल में है, कह जाते हैं
तुझमें छुपकर..तुमको बेदखल कर दूँगा..,
इतनी मुहब्बत तुममें भर दूँगा.
यूँ तो बहुत से रास्ते है उस तक जाने के,
लेकिन राह-ऐ-मुहब्बत से जाना, फासला कम पड़ेगा
है जज़्बात समझना भी ज़रूरी
सिर्फ़ हाथ थामना मुहब्बत नही होता