मुख़्तसर शायरी – मिलेगा क्या दिलों में नफरतें

मिलेगा क्या दिलों में नफरतें रखकर ?

बड़ी मुख़्तसर-सी है ज़िन्दगी,
क्यों ना मुस्कुराकर मिला करें..