इतना दर्द न दे मुझे, बेदर्द न हो जाऊ
तेरी हर खबर,फिर बेखबर न हो जाऊ
उम्र ही गुज़र जाती है एतबार करने मे
फिर कैसे टूट के अब मै बेफिक्र हो जाऊ
Tag: urdu sad shayari
गुफ़्तुगू शायरी – ज़िंदगी भर तो हुई गुफ़्तुगू
ज़िंदगी भर तो हुई गुफ़्तुगू ग़ैरों से मगर
आज तक हम से हमारी न मुलाक़ात हुई
शाद शायरी – तुम गै़र के घर बैठ
तुम गै़र के घर बैठ के दिल शाद करोगे
हम कौन है हमें क्यों याद करोगे
मुंतज़िर शायरी – मुंतज़िर जिनके हम रहे उनको, मिल
मुंतज़िर जिनके हम रहे उनको,
मिल गए और हमसफ़र शायद
लिबास शायरी – आज अभी उनकी नज़र में
आज अभी उनकी नज़र में राज़ वही था,
चेहरा वही था चेहरे का लिबास वही था,
कैसे उन्हें बेवफा कह दूं
आज भी उनके देखने का अंदाज़ वही था
नशेमन शायरी – तेरे दर के बाहर भी
तेरे दर के बाहर भी दुनिया पड़ी है
कहीं जा रहेंगे ठिकाने बहुत हैं
मेरा एक नशेमन जला भी तो क्या है
चमन में अभी आशियाने बहुत हैं
हरजाई शायरी – ये इनायत भी नही कम
ये इनायत भी नही कम मेरे हरजाई की
जख्म देता है मगर दाम नही लेता है…
जो कि रूसवाई से डरता तो है बहोत वो
वह मेरा नाम सरेआम नहीं लेता है…
इंतिक़ाम शायरी – हम भटक कर जुनूँ की
हम भटक कर जुनूँ की राहों में
अक़्ल से इंतिक़ाम लेते हैं
मुफ़्लिस शायरी – तेरे फ़िराक़ में जैसे ख़याल
तेरे फ़िराक़ में जैसे ख़याल मुफ़्लिस का
गई है फ़िक्र-ए-परेशाँ कहाँ कहाँ मेरी
लम्हा शायरी – मैंने उस शख्स को कभी
मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया,
फिर भी हर लम्हा लगता है कि, मैंने उसे खो दिया