जिस दिन बंद कर ली हमने आंखें.
कई आँखों से उस दिन आंसु बरसेंगे.
जो कहते हैं के बहुत तंग करते है हम..
वही हमारी एक शरारत को तरसेंगे
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गुलशन शायरी – सफर वहीं तक है जहाँ
सफर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
नजर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
हजारो फूल है गुलशन मे मगर,
खूशबू वहीं तक है जहाँ तक तुम हो..
जुर्म शायरी – जहाँ खामोश फिजा थी, साया
जहाँ खामोश फिजा थी, साया भी न था
हमसा कोई किस जुर्म में आया भी न था
न जाने क्यों छिनी गई हमसे हंसी
हमने तो किसी का दिल दुखाया भी न था
लिबास शायरी – आज अभी उनकी नज़र में
आज अभी उनकी नज़र में राज़ वही था,
चेहरा वही था चेहरे का लिबास वही था,
कैसे उन्हें बेवफा कह दूं
आज भी उनके देखने का अंदाज़ वही था
नशेमन शायरी – तेरे दर के बाहर भी
तेरे दर के बाहर भी दुनिया पड़ी है
कहीं जा रहेंगे ठिकाने बहुत हैं
मेरा एक नशेमन जला भी तो क्या है
चमन में अभी आशियाने बहुत हैं
कफ़न शायरी – दुनिया बहुत मतलबी है साथ कोई
दुनिया बहुत मतलबी है
साथ कोई क्यों देगा
मुफ्त का यहाँ कफ़न नहीं मिलता
तो बिना गम के प्यार कौन देगा
हसरत शायरी – हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,
और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवानी की
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है
क्या ज़रूरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की
मंसूब शायरी – जिस तरह रगों में खून
जिस तरह रगों में खून रहता है
इस तरह तेरी चाहत का जुनून रहता है
ज़िंदगी की हर ख़ुशी मंसूब है तुमसे
बात हो तुमसे तो दिल को सुकून रहता है
रूह शायरी – हुस्न की मल्लिका हो या साँवली
हुस्न की मल्लिका हो
या साँवली सी सूरत…
इश्क अगर रूह से हो
तो हर चेहरा कमाल लगता है…
हुस्न शायरी – आँखें मरहबा बातें मरहबा मैं सौ
आँखें मरहबा बातें मरहबा
मैं सौ मर्तबा दीवाना हुआ
मेरा ना रहा जब से दिल मेरा
तेरे हुस्न का निशाना हुआ