रवादारी निगाहों की बहुत होती है गर कुछ हो,
वरना, इशारे तो बुर्के के अंदर से भी बेबाक होते हैं
Tag: २ लाइन हिंदी पोएट्री
आँगन शायरी – साँसें में बस जाती है
साँसें में बस जाती है यूँ मीठी-मीठी ख़ुशबू सी
जैसे कोई रात की रानी मेरे आँगन रहती है
ताबीर शायरी – वो एक शख़्स हसीं ख़्वाब
वो एक शख़्स हसीं ख़्वाब जैसा,
जिसकी ताबीर है ना’मुमकिन,
ख़ाकसार शायरी – ख़ाकसारों को ख़ाक ही क़ाफी.. रास
ख़ाकसारों को ख़ाक ही क़ाफी..
रास मुझको है ख़ामोशी मेरी.
मुंतज़िर शायरी – मुंतज़िर जिनके हम रहे उनको, मिल
मुंतज़िर जिनके हम रहे उनको,
मिल गए और हमसफ़र शायद
शब शायरी – आँखों से तुझ को याद
आँखों से तुझ को याद मैं करता हूँ रोज़-ओ-शब
बेदीद मुझ से किस लिए बेगाना हो गया
इंतिक़ाम शायरी – ये काएनात भी क्या क़ैद-ख़ाना
ये काएनात भी क्या क़ैद-ख़ाना है कोई
ये ज़िंदगी भी कोई तर्ज़-ए-इंतिक़ाम है क्या
इजाज़त शायरी – सारे जज़्बों के बाँध टूट
सारे जज़्बों के बाँध टूट गए,
उस ने बस ये कहा इजाज़त है..
जल्वागरी शायरी – जल्वा-गर बज़्म-ए-हसीनाँ में हैं वो
जल्वा-गर बज़्म-ए-हसीनाँ में हैं वो इस शान से
चाँद जैसे ऐ ‘क़मर’ तारों भरी महफ़िल में है
शरारत शायरी – फिर वही दिल की गुज़ारिश,
फिर वही दिल की गुज़ारिश, फिर वही उनका ग़ुरूर,
फिर वही उनकी शरारत, फिर वही मेरा कुसूर..